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किडनी क्या हैं और इसका काम क्या है ?

किडनी, हमारे शरीर के एक महत्वपूर्ण अंग का नाम, जिसे हम अक्सर अनदेखा करते हैं, लेकिन इसका महत्व अत्यधिक है। यह शरीर की सफाई का कार्य करता है और विषैले पदार्थों को निकालकर मौखिक रूप से बाहर निकालता है। इसका सीधा असर हमारी स्वास्थ्य पर होता है और यह हमारे शरीर को सही से काम करने के लिए मदद करता है। किडनी स्वस्थ रहने के लिए हमारे शरीर को व्यापक रूप से साफ रखने का कार्य करती है, जिससे हमारा खून साफ और पॉजिटिव रहता है।

यहाँ कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उभरते हैं जो हमें किडनी के स्वास्थ्य के बारे में जागरूक करते हैं और समझाते हैं कि हमें इसकी क़दर करनी चाहिए ताकि हम इसे सही से रख सकें।

किडनी से जुड़ी समस्यायों के कारण :

किडनी समस्याएँ विभिन्न कारणों से उत्पन्न हो सकती हैं, और इनकी पहचान और सही समय पर उपचार करना महत्वपूर्ण है। यहां कुछ प्रमुख कारण हैं जो किडनी समस्याएँ उत्पन्न कर सकती हैं:

  1. अस्वास्थ्यकर आहार: अधिक मात्रा में नमक, तेल से भरा हुआ आहार लेना, और फल-सब्जियों की कमी से किडनी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
  2. शराब और धूम्रपान: तंबाकू और शराब का सेवन किडनी के लिए हानिकारक हो सकता है, जिससे किडनी में समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
  3. अनुयायी दवाओं का सेवन: बिना डॉक्टर की सलाह के अधिक दर्दनाशक और अन्य अनुयायी दवाएं लेना किडनी को हानि पहुंचा सकता है।
  4. अस्वास्थ्यकर जीवनशैली: अस्वास्थ्यकर जीवनशैली जैसे कि अधिक तनाव, योग्य नींद की कमी, और अधिक बैठना भी किडनी को प्रभावित कर सकता है।
  5. उम्र: बढ़ती उम्र के साथ, किडनी की क्षमता में गिरावट हो सकती है जिससे समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
  6. बीमारियाँ: उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, और हृदय रोग जैसी बीमारियाँ किडनी को प्रभावित कर सकती हैं।
  7. जननंग इन्फेक्शन: जननंग से होने वाली इंफेक्शन भी किडनी को प्रभावित कर सकती हैं और समस्याएँ उत्पन्न कर सकती हैं।
  8. जेनेटिक अथवा परिवारिक इतिहास: यदि परिवार में किसी को किडनी समस्याएँ हैं, तो उसका संबंध जेनेटिक भी हो सकता है, और इससे बचाव के लिए सावधानी बरतना चाहिए।

 

किडनी रोग के लक्षण

किडनी रोग के लक्षणों को समझना महत्वपूर्ण है ताकि समस्या का सही समय पर पता चल सके और उचित उपचार किया जा सके। यहां कुछ मुख्य लक्षण हैं जो किडनी रोग की संकेत हो सकते हैं:

  1. मूत्र प्रणाली में परिवर्तन: किडनी रोग के कारण मूत्र प्रणाली में परिवर्तन हो सकता है, जैसे कि मूत्र की मात्रा में वृद्धि या घटना, बार-बार मूत्र जाने की इच्छा, या रात में बार-बार उठना।
  2. पेशाब में बदलाव: मूत्र में रंग, गंध, या फिर वैसे धातुओं का होना जो सामान्यत: नहीं होते, ये सब किडनी समस्या के संकेत हो सकते हैं।
  3. पेट और पैरों में सूजन: किडनी रोग के कारण शरीर के विभिन्न हिस्सों में सूजन हो सकती है, विशेषकर पेट और पैरों में।
  4. उच्च रक्तचाप: किडनी रोग से उच्च रक्तचाप हो सकता है, जो अन्य सामान्य संकेतों के साथ हो सकता है जैसे कि हेडेक, चक्कर आना, या उच्च ब्लड प्रेशर के लक्षण।
  5. नींद में बार-बार उठना: किडनी रोग के कारण रात में बार-बार उठकर पेशाब जाने की इच्छा हो सकती है, जिससे नींद में बाधा हो सकती है।
  6. थकान और कमजोरी: यदि आप बिना किसी शारीरिक काम के भी बहुत थक जाते हैं और कमजोरी महसूस करते हैं, तो यह भी किडनी रोग का संकेत हो सकता है।

 

किडनी की समस्या का पहला संकेत

किडनी की समस्या का पहला संकेत अगर हमें ध्यान से नहीं मिलता है, तो यह समस्या बड़ी बन सकती है। सबसे आम पहचान का तरीका है व्यक्ति के मूत्र में परिवर्तन का अनुभव करना। यदि आपको अन्य से तुलना में अधिक मूत्र प्रवाह का अहसास होता है या आप बार-बार मूत्र जाने का इच्छुक होते हैं, तो यह किडनी समस्या का संकेत हो सकता है।

किडनी समस्या के इस पहले संकेत को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, और तुरंत एक वैद्यकीय सलाह के लिए संपर्क करना चाहिए। यह समस्या आमतौर पर गंभीर होती है और सही समय पर उपचार करना आवश्यक है ताकि बड़ी चिकित्सा समस्याएं नहीं उत्पन्न हों।

 

किडनी की समस्या को कैसे पहचाने ?

किडनी की समस्या को पहचानना महत्वपूर्ण है ताकि समस्या का सही समय पर उपचार हो सके और गंभीरता से बचा जा सके। यहां कुछ मुख्य तरीके हैं जिनसे आप किडनी समस्या की पहले ही संकेतों को पहचान सकते हैं:

  1. मूत्र में परिवर्तन: किडनी समस्या के बड़े संकेत में से एक है मूत्र के प्रवाह में परिवर्तन। यदि आपको अन्य से अधिक मूत्र प्रवाह का अहसास होता है या आप बार-बार मूत्र जाने का इच्छुक होते हैं, तो इसे ध्यानपूर्वक नोट करें।
  2. दर्द या सूजन: किडनी समस्या के बारे में दूसरा संकेत है दर्द या सूजन। पैरों, हाथों या चेहरे में अनूठी सूजन हो सकती है जो किडनी के कारण उत्पन्न होती है।
  3. उच्च रक्तचाप या शीघ्रता: किडनी की समस्या से उच्च रक्तचाप या शीघ्रता की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसलिए, रक्तचाप की निगरानी रखना महत्वपूर्ण है।
  4. नींद में बार-बार उठना: किडनी समस्या के कारण व्यक्ति रात में बार-बार उठकर मूत्र जाने की इच्छा महसूस कर सकता है, जिससे नींद में बाधा हो सकती है।
  5. ताजगी में कमी: किडनी समस्या के कारण शरीर में ताजगी की कमी हो सकती है, और व्यक्ति अक्सर थकावट महसूस कर सकता है।

यदि आपमें से किसी भी संकेत को महसूस कर रहे हैं, तो तुरंत एक चिकित्सक से सलाह लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है। आपके स्वास्थ्य पर ध्यान देने से समस्याएं सही समय पर पहचानी जा सकती हैं और सही उपचार के लिए कदम उठाए जा सकते हैं।

 

किडनी खराब होने पर दर्द कहाँ होता है ?

किडनी खराब होने पर दर्द का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि सही समय पर समस्या की पहचान हो सके और उचित उपचार किया जा सके। किडनी के खराब होने पर दर्द आमतौर पर पीठ के नीचे या पेट के निचले हिस्से में महसूस होता है।

  1. पीठ के नीचे दर्द: किडनी के खराब होने पर सबसे आम संकेत में से एक है पीठ के नीचे दर्द का अहसास। यह दर्द अक्सर गुर्दे क्षेत्र में महसूस होता है और एक तरह की ठंडक जैसा अहसास कराता है।
  2. पेट के निचले हिस्से में दर्द: किडनी की खराबी के कारण, पेट के निचले हिस्से में भी दर्द हो सकता है। यह दर्द अक्सर तेजी से बढ़ सकता है और सामान्यत: एक ही पक्ष में महसूस होता है।
  3. पेशाब करते समय दर्द: किडनी समस्या के कारण, पेशाब करते समय या उसके बाद दर्द का अहसास हो सकता है। यह दर्द पीठ और पेट के क्षेत्र में महसूस होता है।
  4. नियमित दर्द: किडनी में समस्या होने पर व्यक्ति नियमित अंतरालों में दर्द का सामना कर सकता है, जो वार्ता स्तर पर बदल सकता है।

 

किडनी में कौन-कौन सी बीमारियाँ होती हैं ?

किडनी, हमारे शरीर के एक महत्वपूर्ण अंग हैं जो हमें स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। इसलिए, इसकी सही फ़ंक्शनिंग होना अत्यंत आवश्यक है। यहां कुछ किडनी सम्बंधित बीमारियाँ हैं जो किडनी को प्रभावित कर सकती हैं:

  1. गुर्दे की पथरी (किडनी का पथरी): यह एक सामान्य समस्या है जिसमें गुर्दे में पथरी बनती है और यह नर्मल मूत्र प्रवाह को बाधित कर सकती है, जिससे दर्द और सूजन हो सकती है।
  2. किडनी संक्रमण: यह एक और आम समस्या है जिसमें बैक्टीरिया किडनी में पहुंच जाते हैं और संक्रमित होते हैं, जिससे बुखार, पेशाब में दर्द और वमन की समस्याएँ हो सकती हैं।
  3. पॉलिस्टिक किडनी रोग: इसमें किडनी में बड़े आकार की सिस्ट्स बन जाते हैं जो नॉर्मल कार्य को बाधित कर सकते हैं और रोगी को दर्द और सूजन महसूस होती है।
  4. यूरीन इन्फेक्शन: किडनी में इंफेक्शन होने पर यूरीन में रक्त या पेशाब में दर्द हो सकता है, और यह बुखार और गुस्से में वृद्धि के साथ आ सकता है।
  5. किडनी फेल्योर: यह एक गंभीर स्थिति है जिसमें किडनी की सारी फ़ंक्शनिंग कम हो जाती है।
  6. गुर्दे की साइस्टिस: इसमें गुर्दे में छोटे-छोटे सिस्ट्स होते हैं जो परेशानी और दर्द का कारण बन सकते हैं।

 


किडनी स्वास्थ्य के लिए चेकअप

किडनी स्वास्थ्य का चेकअप करवाना महत्वपूर्ण है ताकि समस्याएँ सही समय पर पहचानी जा सकें और सही उपाय किया जा सके। यहां कुछ सुझाव हैं किडनी स्वास्थ्य के लिए नियमित चेकअप के लिए:

  1. रक्तचाप की निगरानी: रक्तचाप को नियमित अंतरालों में मापते रहना आवश्यक है, क्योंकि उच्च रक्तचाप किडनी को प्रभावित कर सकता है।
  2. यूरिन टेस्ट: उरीन टेस्ट से किडनी के कार्य की जाँच की जा सकती है, और इससे यह देखा जा सकता है कि क्या मूत्र में किसी असामान्य पदार्थ की मात्रा बढ़ी है।
  3. क्रेटिनिन और यूरिया टेस्ट: इन टेस्टों से किडनी की क्षमता की माप की जा सकती है और किडनी रोग की पहचान हो सकती है।
  4. ब्लड टेस्ट: ब्लड टेस्ट से हमें यह जानने में मदद मिलती है कि किडनी से संबंधित कोई समस्या है या नहीं, जैसे कि हेमोग्लोबिन और ब्लड उच्च रक्तचाप की मात्रा।
  5. इमेजिंग टेस्ट: किडनी की छवियाँ बनवाने के लिए इमेजिंग टेस्ट जैसे कि एल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन की जा सकती है ताकि गुर्दे की स्थिति देखी जा सके।
  6. सम्बंधित दवाएं: यदि आप किसी अन्य बीमारी की दवा ले रहे हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि वे किडनी के लिए सुरक्षित हैं और इनकी मात्रा सही है।

स्वस्थ किडनी के लिए आयुर्वेदिक जड़ी- बूटियाँ

    • पुनर्नवा
    • पलाश
    • गोक्षुरा
    • कासनी
    • वरुणादि


किडनी संरक्षण: स्वास्थ्य की रक्षा के लिए कदम

किडनी स्वास्थ्य की रक्षा करना अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि हम स्वस्थ और जीवनशैली के साथी रह सकें। यहां कुछ सुझाव हैं किडनी संरक्षण के लिए:

  1. प्राकृतिक तत्वों से भरपूर आहार: अपने आहार में फल, सब्जी, अनाज, और पानी को शामिल करें। इनमें पाये जाने वाले प्राकृतिक तत्व किडनी के लिए फायदेमंद होते हैं।
  2. पानी की सही मात्रा: योग्य पानी पीना हमारी किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करता है। रोजाना कम से कम 8 गिलास पानी पीना चाहिए।
  3. नियमित व्यायाम: स्वस्थ जीवनशैली के हिस्से के रूप में नियमित रूप से व्यायाम करना हेल्दी किडनी के लिए लाभकारी है।
  4. नियमित चेकअप: अपने किडनी स्वास्थ्य को निगरानी में रखने के लिए नियमित चेकअप करवाएं, ताकि किसी भी समस्या को सही समय पर पहचाना जा सके।
  5. धूम्रपान और शराब से बचें: तंबाकू और शराब का सेवन किडनी के लिए हानिकारक हो सकता है, इसलिए इन्हें छोड़ना बेहतर है।
  6. स्वस्थ वजन बनाए रखें: अत्यधिक वजन के साथ आनुकूलित आहार और नियमित व्यायाम करना किडनी को सुरक्षित रख सकता है।
  7. स्वस्थ मात्रा में सोडियम का सेवन: अधिक सोडियम युक्त आहार से बचें, क्योंकि यह उच्च रक्तचाप और किडनी में समस्याएँ पैदा कर सकता है।
  8. उचित दिनचर्या: योग्य नींद, समय पर खाना खाना, और तंतु संरक्षण में सही दिनचर्या बनाएं।

 

 

 

 

 

 

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